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Mahavir Jayanti 2022
DJSM is pleased to announce the celebrations of Mahavir Jayanti this year on Sunday, May 1st, 2022 at Kingston City Corps, Dingley Village.
Read MoreJainism
Jain Food Diet, Restrictions and Reasons
Why Jains dont eat Potatoes, Onions, Garlic or any underground vegetables ? Why do Jains refrain from eating after daylight ? Why do they drink boiled water?
Read Moreदशलक्षण का दसवां पर्व – उत्तम
🙏 जय जिनेंद्र 🙏 आज का दिन उत्तम ब्रह्मचर्य के रूप में मनाया जाता है Day 10: Uttam Brahmacharya This day celebrates Uttam Brahmacharya meaning Supreme Chastity ब्रह्मचर्य – सद्गुणों का अभ्यास करना और अपने को पवित्र रखना। Shloka: शील-बाढ नौ राख, ब्रह्म-भाव अन्तर लखो । करि दोनों अभिलाख, करहु सफ़ल नरभव सदा ॥ उत्तम ब्रह्मचर्य … दशलक्षण का दसवां पर्व – उत्तमRead More »
Read Moreदशलक्षण का नौवां पर्व – उत्तम आकिंचन
🙏 जय जिनेंद्र 🙏 आज का दिन उत्तम आकिंचन के रूप में मनाया जाता है आकिंचन – किसी भी चीज में ममता न रखना। अपरिग्रह स्वीकार करना। Day 9: Uttam Akinchan This day celebrates Uttam Akinchan meaning Supreme Non Attachment Shloka: परिग्रह चौबिस भेद, त्याग करैं मुनिराज जी । तिसना भाव उछेद, घटती जान घटाइए ॥ … दशलक्षण का नौवां पर्व – उत्तम आकिंचनRead More »
Read Moreदशलक्षण का आठवाँ पर्व – उत्तम त्याग
Day 8: Uttam Tyaag This day celebrates Uttam Tyaag meaning Supreme Renunciation त्याग– पात्र को ज्ञान, अभय, आहार, औषधि आदि सद्वस्तु देना। *Shloka* दान चार परकार, चार सन्घ को दीजिए । धन बिजुली उनहार, नर-भव लाहो लीजिए ॥ उत्तम त्याग कह्यो जग सारा, औषध शास्त्र अभय आहारा । निहचै राग-द्वेष निरवारै, ग्याता दोनों दान संभारै ॥ … दशलक्षण का आठवाँ पर्व – उत्तम त्यागRead More »
Read Moreदशलक्षण का सातवाँ पर्व – उत्तम तप
Day 7: Uttam Tap This day celebrates Uttam Tap meaning Supreme Austerity. तप– मलीन वृत्तियों को दूर करने के लिए जो बल चाहिए, उसके लिए तपस्या करना। Shloka: तप चाहें सुरराय, करम-शिखर को वज्र है । द्वादशविधि सुखदाय, क्यों न करै निज सकति सम ॥ उत्तम तप सबमाहिं बखाना, करम शैल को वज्र-समाना । बस्यो अनादि-निगोद … दशलक्षण का सातवाँ पर्व – उत्तम तपRead More »
Read Moreदशलक्षण का छठा पर्व – उत्तम संयम
Day 6 : Uttam Sanyam This day celebrates Uttam Sanyam meaning Supreme Self-control संयम– मन, वचन और शरीर को काबू में रखना। Shloka: काय छहों प्रतिपाल, पंचेंद्री मन वश करो । सन्जम रतन संभाल, विषय चोर बहु फ़िरत हैं ॥ उत्तम सन्जम गहु मन मेरे, भव-भव के भांजै अघ तेरे । सुरग-नरक-पशुगति में नाहीं, आलस-हरन करन-सुख ठाहीं … दशलक्षण का छठा पर्व – उत्तम संयमRead More »
Read Moreदशलक्षण का पांचवां पर्व – उत्तम र्शौच
Day 5 : Uttam Shauch This day celebrates Uttam Shauch meaning Supreme Contentment/Purity शौच– मन में किसी भी तरह का लोभ न रखना। आसक्ति न रखना। शरीर की भी नहीं। Shloka: धरि हिरदै सन्तोष, करहु तपस्या देह सों । शौच सदा निर्दोष, धरम बढो संसार में ॥ उत्तम शौच सर्व जग जाना, लोभ पाप को बाप … दशलक्षण का पांचवां पर्व – उत्तम र्शौचRead More »
Read Moreदशलक्षण का चौथा पर्व – उत्तम सत्य
Day 4 : Uttam Satya This day celebrates Uttam Satya meaning Supreme Truthfulness सत्य– यथार्थ बोलना। हितकारी बोलना। थोड़ा बोलना। Shloka: कठिन वचन मति बोल, पर-निन्दा अरु झूठ तज । सांच जवाहर खोल, सतवादी जग में सुखी ॥ उत्तम सत्य बरत पा लीजे, पर-विश्वासघात नहीं कीजे । सांचे झूठे मानुष देखो, आपन पूत स्वपास न पेखो … दशलक्षण का चौथा पर्व – उत्तम सत्यRead More »
Read Moreदशलक्षण का तीशरा पर्व – उत्तम आर्जव
This day celebrates Uttam Aarjav meaning Supreme Simplicity. आर्जव– भाव की शुद्धता। जो सोचना सो कहना। जो कहना सो करना। Shloka: कपट ना कीजे कोय, चोरन के पुर ना बसैं । सरल सुभावी होय, ताके घर बहु सम्पदा ॥ उत्तम आर्जव रीति बखानी, रन्चक दगा बहुत दुखदानी । मन में हो सो वचन उचरिये, वचन … दशलक्षण का तीशरा पर्व – उत्तम आर्जवRead More »
Read Moreदशलक्षण का दूसरा पर्व – उत्तम मार्दव
Day 2 : Uttam Maardav This day celebrates Uttam Maardav meaning Supreme Tenderness/Humility. उत्तम मार्दव– चित्त में मृदुता व व्यवहार में नम्रता होना Shloka : मान महा विष रूप, करहि नीचगति जगत में । कोमल सुधा अनूप, सुख पावै प्रानी सदा ॥ उत्तम मार्दव गुन मन माना, मान करन को कौन ठिकाना । बस्यो निगोद … दशलक्षण का दूसरा पर्व – उत्तम मार्दवRead More »
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